prohibition of child marriage in Jind : बाल विवाह निषेध अधिकारी कार्यालय टीम की सर्तकता से खेडा खेमावती गांव में एक बालिका को वधु बनने से बचाया। टीम ने बाल विवाह की सूचना पर तत्परता से कार्रवाई करते हुए नाबालिग की शादी को रूकवाया और साथ ही परिजनों को विवाह न करने के लिए चेताया। इसके अतिरिक्त बाल विवाह अधिनियम की जानकारी भी दी। जिस पर परिजनों ने आश्वासन दिया कि अब वह बालिग होने पर ही विवाह करेंगे।
बाल विवाह निषेध अधिकारी सुनीता को सूचना मिली थी कि गांव खेडा खेमावती में एक नाबालिग लडक़ी की शादी करवाई जा रही है और बारात सोनीपत जिले के गांव रामगढ से आने वाली है। इस पर कार्रवाई करते हुए रवि लोहान, हवलदार ओमप्रकाश, महिला सिपाही रीतु, नीलम, प्रवीन के साथ मौके पर पहुंचे। टीम द्वारा लड़की के परिवार वालों से लड़की के जन्म से संबंधित कागजात मांगे तो परिजनों ने पहले तो टाल मटोल करने की कोशिश की और लड़की की उम्र पूरी होने की बात कही लेकिन जब उनको कार्यालय में बुलाया गया तो लगभग तीन घंटे के बाद जो सबूत दिखाए गए। जिसमें लड़की की उम्र मात्र 16 वर्ष पाई गई ।
इस पर उसके परिजनों द्वारा बताया गया कि लड़की के माता-पिता अनपढ़ है और उन्हें किसी कानून की कोई जानकारी नही है। इसलिए वह गलती से ऐसा कर रहे थे। इस पर परिजनों को समझाया गया कि आपकी लडक़ी नाबालिग है, इसलिए आप उसके बालिग होने तक का इंतजार करें ताकि कोई कानूनी अड़चन न आए।
इसके बावजूद भी अगर आप नाबालिग लडक़ी की शादी करते हैं तो आप सभी के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस पर परिवार सहमत हो गया तथा शादी को स्थगित कर दिया गया । इसके बाद परिजनों ने महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध विभाग के अधिकारियों को लिखित बयान दिए कि वह कानून की पालना करेंगे तथा लड़की के बालिग होने पर ही उसकी शादी करेंगे