Narwana MLA Ramniwas surjakhera : हरियाणा के जींद जिले के नरवाना विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा पर 100 करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले के आरोप लगे हैं। ये आरोप किसी और ने नहीं, बल्कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) के साथ की गई धोखाधड़ी में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नए खुलासे किए हैं। इसमें रामनिवास सुरजाखेड़ा ने करोड़ों रुपए की राशि अपनी पत्नी को भेजी तो वहीं घोटाले की ही राशि से फारच्यूनर गाड़ी भी खरीदी है।
पंचकूला स्थित स्पेशल कोर्ट में ईडी ने बताया कि राजनीति में आने से पहले सुरजाखेड़ा अकाउंटेंट के रूप में काम करते थे। उन्होंने पंजाब नेशनल बैंक, मनीमाजरा में एचएसवीपी के नाम से फर्जी खाते खोलकर करीब 100 करोड़ रुपए का घोटाला किया। ईडी की जांच में यह भी सामने आया कि अपराध से प्राप्त रकम सिर्फ सुरजाखेड़ा के निजी खातों में ही नहीं, बल्कि उनकी पत्नी मंजीत और अन्य परिवारजनों के खातों में भी ट्रांसफर की गई थी।
घोटाले के पैसे से खरीदी फॉर्च्यूनर
ईडी ने कोर्ट में दावा किया है कि इस पैसे से एक टोयोटा फॉर्च्यूनर खरीदी गई और बाद में बिना किसी वैध प्रतिफल के पूर्व विधायक के नाम पर हस्तांतरित कर दी गई। इस मामले में रामनिवास को 9 जून को गिरफ्तार किया गया था। जमानत पहले हो चुकी है। सुरजाखेड़ा के मामले में विशेष अदालत ने कहा, धन शोधन के बहुत गंभीर आरोपों के मद्देनजर, इस स्तर पर आवेदक-आरोपी को या तो योग्यता के आधार पर या आरोपी के मौलिक अधिकारों के कथित उल्लंघन के आधार पर जमानत देना संभव नहीं है।

100 करोड़ रुपए नकद निकाले गए
गिरफ्तारी के बाद ईडी की रिमांड अर्जी के अनुसार, 100 करोड़ रुपए से अधिक की राशि कथित तौर पर नकद निकाली गई और तीसरे पक्ष के बैंक खातों के माध्यम से भेजी गई। ये खाते अक्सर “मुआवजा निपटान” की आड़ में खोले जाते थे, जिसमें अनजान व्यक्तियों को व्यक्तिगत बैंकिंग विवरण साझा करने के लिए लुभाया जाता था। ईडी का आरोप है कि राम निवास ने ऐसे बिचौलियों से सीधे नकदी एकत्र की और अवैध आय को अपने और परिवार के सदस्यों के खातों में भेजा।
2019 से पांच साल तक हुआ घोटाला
यह मामला 7 मार्च, 2023 को पंचकूला के सेक्टर-7 पुलिस स्टेशन द्वारा दर्ज की गई एफआईआर से जुड़ा है। एचएसवीपी मुख्यालय में मुख्य लेखा अधिकारी और डीडीओ चमन लाल द्वारा दर्ज की गई शिकायत में आरोप लगाया गया है कि 2015 से 2019 के बीच, एक फर्जी बैंक खाते का इस्तेमाल 70 करोड़ रुपए के संदिग्ध डेबिट लेनदेन करने के लिए किया गया था।
महत्वपूर्ण बात यह है कि यह खाता HSVP के आईटी और कैश ब्रांच रिकॉर्ड से गायब था, जिससे आंतरिक मिलीभगत के बारे में खतरे की घंटी बजती है।
ईडी और गिरफ्तारियां कर सकती है
ईडी ने 26 अक्टूबर, 2023 को प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ECIR) दर्ज की और धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत पूर्ण पैमाने पर जांच शुरू की। अब तक लगभग 21 करोड़ रुपए मूल्य के तीन अनंतिम कुर्की आदेश जारी किए जा चुके हैं, तथा कुर्क की गई संपत्तियों की पुष्टि नई दिल्ली स्थित न्याय निर्णय प्राधिकरण द्वारा की जा चुकी है। अंबाला जेल में प्रक्रियागत देरी के कारण, दोनों आरोपियों ने गिरफ्तारी के बाद ईडी के चंडीगढ़ कार्यालय में रात बिताई। जांच आगे बढ़ने पर आगे और गिरफ्तारियां और संपत्ति जब्ती की उम्मीद है।