Hariyali Teej 2024: A balance of tradition and modernity
Hariyali Teej:सावन के महीने में हिंदू धर्म के एक से बढ़कर एक व्रत त्योहार मनाए जाते है जहां पर सोलह सोमवार, गुरू पूर्णिमा, कांवड़ यात्रा का अपना महत्व होता है। इसके अलावा सुहागन महिलाओं औऱ कुंवारी कन्याओं के बीच हरियाली तीज व्रत की धूम होती है जो हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन मनाया जाता है।
हरियाली तीज , जिसे श्रावणी तीज भी कहा जाता है, भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इस साल, हरियाली तीज 6 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी। यह त्योहार महिलाओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उनके समर्पण और प्रेम को दर्शाता है।यह त्योहार भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन की कथा से जुड़ा है और महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए मनाया जाता है।
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हरियाली तीज की पौराणिक कथा के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में प्राप्त करने के लिए घोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें वरदान दिया और इस प्रकार दोनों का मिलन हुआ। इस दिन को महिलाओं के लिए विशेष माना जाता है, क्योंकि यह उनके प्रेम और समर्पण का प्रतीक है।पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक हरियाली तीज की व्रत कथा स्वंय शिवजी ने माता पार्वती को उनका पिछला जन्म याद दिलाने के लिए सुनाई थी।
हरियाली तीज की तैयारी कई दिन पहले से शुरू हो जाती है। महिलाएं नए वस्त्र पहनती हैं, विशेष रूप से हरे रंग के कपड़े, जो हरियाली का प्रतीक हैं। मेहंदी लगाना इस त्योहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। महिलाएं अपनी हाथों और पैरों पर सुंदर मेहंदी के डिज़ाइन बनाती हैं। इसके अलावा, गीत और नृत्य भी इस त्योहार का हिस्सा होते हैं।
हरियाली तीज की पूजा विधि में महिलाएं पहले स्नान कर शुद्ध होती हैं और फिर नए वस्त्र धारण करती हैं। इसके बाद, वे भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाती हैं। पूजा के दौरान महिलाएं विशेष रूप से तीज गीत गाती हैं और नृत्य करती हैं। पूजा के अंत में प्रसाद के रूप में मिठाईयां और फलों का वितरण किया जाता है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं, जिसका मतलब है कि वे दिन भर बिना पानी पिए रहती हैं।
हरियाली तीज के प्रमुख रिवाजों में से एक है झूला झूलना। महिलाएं बगीचों, आंगनों और घरों में सजाए गए झूलों पर झूलती हैं और तीज के गीत गाती हैं। यह रिवाज न केवल त्योहार की खुशी को बढ़ाता है, बल्कि इसे और भी रंगीन और मनोरंजक बनाता है। इसके अलावा, महिलाएं इस दिन विशेष तीज की थाली तैयार करती हैं जिसमें विभिन्न प्रकार के पकवान और मिठाईयां शामिल होती हैं।
हरियाली तीज के अवसर पर विभिन्न समाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर विशेष पूजा और भजन संध्या का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा, विभिन्न समाजिक और सांस्कृतिक संगठनों द्वारा तीज महोत्सव का आयोजन किया जाता है जिसमें महिलाएं बड़ी संख्या में भाग लेती हैं।
इन कार्यक्रमों में नृत्य, गीत और नाटकों का प्रदर्शन होता है जो इस त्योहार को और भी आकर्षक बनाते हैं।हर साल की तरह, इस साल भी हरियाली तीज के अवसर पर विशेष आयोजन किए जाएंगे। इस साल के विशेष आयोजन में महिलाओं के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं, जैसे मेहंदी प्रतियोगिता, तीज क्वीन प्रतियोगिता और अन्य मनोरंजक गतिविधियां शामिल होंगी। इन आयोजनों का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के जीवन में खुशियां और आनंद का संचार करना है।
हरियाली तीज(Hariyali Teej) न केवल एक धार्मिक त्योहार है, बल्कि यह महिलाओं के जीवन में खुशियों और आनंद का संचार करता है। यह त्योहार महिलाओं के लिए एक अवसर होता है जब वे अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर खुशियां मनाती हैं और अपने वैवाहिक जीवन की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं। हरियाली तीज को धूमधाम से मनाएं और इस पावन अवसर का आनंद लें।