Haryana Politics : जींद पहुंचे पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत सिंह चौटाला ने कहा कि हरियाणा में सरकार का पुलिस पर कोई कंट्रोल नहीं है। अगर मुख्यमंत्री से पुलिस नही संभल रही है तो अनिल विज को चार्ज दे दिया जाए। जब सस्पेंड होने का डर होगा तो पुलिस सही तरीके से काम करेगी। चौटाला ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था का दिवाला पिट चुका है। प्रदेश में में आज पुलिस गायब है और बदमाश नायब है।
इनसो के स्थापना दिवस पर जाट धर्मशाला में आयोजित रक्तदान शिविर में पहुंचे दुष्यंत चौटाला (Diputy cm dushyant chautala) ने कहा कि आज सरेआम गोली मारी जा रही हैं। पत्रकारों से बातचीत करते हुए दुष्यंत चौटाला ने कहा कि यह पुलिस की असफलता है कि दूसरे राज्यों के बदमाश भी हरियाणा को सुरक्षित मानते हैं। जहां बदमाशी करना आम है। चौटाला ने कहा कि नायब सैनी से तो मनोहर लाल ही बेहतर थे।
बंसीलाल शासन में हत्या होनी शुरू हुई थी। फिर जब ओमप्रकाश चौटाला ने सत्ता संभाली तो मात्र छह महीनों में ही प्रदेश के अंदर से गुंडागर्दी खत्म कर दिया। नायब सरकार में आज कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। जेलों के अंदर से आमजन को धमकियां मिल रही हैं। हरियाणा में अपराध चरम पर है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कांग्रेस के अंदर भी अंदरूनी लड़ाई इतनी बढ़ चुकी है कि नेता प्रतिपक्ष का चुनने कि बात राहुल गांधी के हाथ में भी नहीं है।
उन्होंने कहा कि गुरुग्राम में एक व्यक्ति को पुलिस चौक के पास गोली मारी गई। कानून व्यवस्था की स्थिति काफी कमजोर है। पिछले तीन महीने में अपराध बहुत बढ़ा है। पुलिस अपराधियों को पकड़ नहीं पा रही है। इससे असफल पुलिस अब तक के इतिहास में नहीं हुई। इसका मुख्य कारण है कि मुख्यमंत्री का पुलिस पर नियंत्रण नहीं है।
Haryana Politics : सुरक्षित नहीं हैं लोग
चौटाला ने कहा कि गुरुग्राम में उनके लोकसभा के उम्मीदवार को धमकी मिली। वे स्वयं पुलिस आयुक्त से मिलकर आए। गाड़ी बरामद हो गई। रैकी करने वाले पकड़े गए, लेकिन अपराधी का कोई सुराग नहीं है। हर रोज मोबाइल पर धमकी मिल रही हैं। आज राजस्थान, दिल्ली, पंजाब उत्तर प्रदेश के अपराधी हरियाणा को सुरक्षित मान रहे हैं।
Haryana Politics : राज्यपाल से मिलेगा प्रतिनिधिमंडल
चौटाला ने कहा कि विश्वविद्यालय अच्छी और सस्ती शिक्षा का केंंद्र होने चाहिंए। वहीं प्रदेश सरकार स्वयं पोषित कोर्स के नाम पर फीस बढ़ा रही है। अन्य राज्यों में जिन कोर्स की फीस 30 हजार रुपये है, हरियाणा में 90 हजार रुपये है। इसको लेकर प्रतिनिधिमंडल जल्द ही राज्यपाल से मिलेगा। क्योंकि वे स्वयं प्रोफेसर रहे हैं, ऐसे में उनसे फीस कम करने की मांग की जाएगी।