Ekta Kranti: दिल्ली में कचरे के बढ़ते ढेर को कम करने के लिए दिल्ली नगर निगम (MCD) ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। अब, थोक कचरा उत्पादकों (Bulk Waste Generators, BWG) को नगर निगम के साथ पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा और उचित कचरा निपटान सुनिश्चित करना पड़ेगा।
MCD के अनुसार, यह कदम ठोस कचरा प्रबंधन नियम 2016 के तहत उठाया गया है, जिसका उद्देश्य कचरे के प्रबंधन में स्थायी समाधान लाना और लैंडफिल साइटों पर दबाव कम करना है।
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी विभागों, स्थानीय निकायों, सार्वजनिक उपक्रमों और निजी संस्थाओं सहित हर वह संगठन जो 100 किलो से अधिक कचरा उत्पन्न करता है, को MCD के 311 ऐप पर पंजीकरण कराना होगा। नए आदेशों के तहत, अब BWG को मौके पर ही कचरे को अलग करना, गीले कचरे को वहीं संसाधित करना और सूखे कचरे को अधिकृत MCD एजेंसियों को सौंपना होगा।
रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की निगरानी के लिए अधिकारियों की एक विशेष टीम गठित की गई है। यह टीम बीडब्ल्यूजी के अनुपालन का नियमित निरीक्षण भी करेगी। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने SWM नियम 2016 के कठोर पालन का निर्देश दिया है, ताकि कचरे का उचित निपटान सुनिश्चित हो सके।
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इसके अलावा, MCD ने कचरे के निस्तारण में लापरवाही करने वालों के खिलाफ जुर्माना लगाने और कड़ी कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। MCD ने सभी थोक कचरा उत्पादकों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द अपना पंजीकरण करवा लें।
दिल्ली में बाजारों की सफाई व्यवस्था को भी लेकर MCD ने नई पहल की है। निगम प्रशासन ने 312 प्रमुख बाजारों की पहचान की है, जहां रात को सफाई का काम सुनिश्चित किया जाएगा। इसमें चांदनी चौक, कृष्णा नगर लाल क्वार्टर, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी मार्केट, श्रीनिवासपुरी मार्केट जैसे प्रमुख बाजार शामिल हैं।
निगम आयुक्त अश्विनी कुमार ने इस संबंध में सभी जोन उपायुक्तों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।