Lady Singham IPS Srishti Gupta : हरियाणा के पंचकूला में हाल ही के दिनों में एक महिला IPS अफसर मीडिया की सुर्खियों में छाई हुई हैं। इस लेडी अफसर का नाम है सृष्टि गुप्ता, जो अपनी सख्त कार्यशैली और ग्राउंड स्तर पर सक्रियता के रुप में अपनी अलग पहचानी बना रही हैं। बीती रात उन्होंने शहर के सेक्टर-5 और सेक्टर-9 में मौजूद नाइट क्लबों पर अचानक से जांच की रुप में रेड मारी। साउंड सिस्टम की आवाज़ से लेकर तय समयसीमा तक, सबकुछ उनकी निगरानी में चेक किया गया। स्टाफ की ड्यूटी, CCTV फुटेज और सुरक्षा इंतज़ामों को लेकर उन्होंने क्लब संचालकों को सख्त निर्देश दिए कि कोई भी अनहोनी या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सख्ताई के लिए सृष्टि गुप्ता (ady Singham IPS Srishti Gupta) के तेवर
पंचकूला में अफसर सृष्टि गुप्ता की सख्ताई के प्रति उनके तीखे तेवर देखने को मिलते हैं। बता दें कि पंचकूला के इन क्लबों को लेकर कई बार शिकायतें मिलती रही हैं कि देर रात तक तेज म्यूजिक, शराबखोरी और बाहरी लोगों की मौजूदगी से क्षेत्र असुरक्षित हो रहा है। इसी को लेकर सृष्टि गुप्ता ने स्वंय मोर्चा संभाला और क्लब के हर कोने का जायजा लिया। उन्होंने सख्त निर्देश देते हुए साफ कहा कि, किसी भी क्लब को ‘असामाजिक तत्वों’ का अड्डा नहीं बनने दिया जाएगा। पुलिस की निगरानी अब और भी कड़ी रहेगी।

सृष्टि का DCP तक का सफर
सृष्टि गुप्ता की कहानी सामान्य नहीं है। वो दिल्ली की रहने वाली हैं और एक मध्यम श्रेणी परिवार से ताल्लुक रखती हैं। शुरुआती पढ़ाई उन्होंने दिल्ली पब्लिक स्कूल, वसंत कुंज से की। 1999 से लेकर 2012 तक स्कूल की क्लासरूम में वो हमेशा टॉपर्स रहीं। इसके बाद JEE क्रैक किया और दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से सिविल इंजीनियरिंग में B.Tech किया। मगर दिल में था कुछ बड़ा करने का सपना। ग्रेजुएशन के बाद UPSC की तैयारी शुरू की।
वर्दी का सपना हुआ पूरा
बता दें कि, सृष्टि ने UPSC जैसी मुश्किल परीक्षा को क्रैक करने के लिए लगभग 5 साल तक दिन-रात एक कर दिए। साल 2020 में उन्हें ऑल इंडिया रैंक 171 मिली। प्रीलिम्स, मेन्स और इंटरव्यू—हर स्टेज को उन्होंने आत्मविश्वास से पार किया। यही नहीं, IPS बनने के बाद उनकी पहली तैनाती हरियाणा में एसीपी के तौर पर हुई।
इस वक्त सृष्टि गुप्ता पंचकूला में DCP के पद पर कार्यरत हैं और अपने मजबूत अनुशासन और कड़क एक्शन के लिए अपनी अलग पहचान बना रही हैं। शहर के लोग उन्हें प्यार से ‘लेडी सिंघम’ कहने लगे हैं। चाहे ट्रैफिक व्यवस्था की बात हो या सुरक्षा इंतजामों की, सृष्टि खुद फील्ड में उतरकर हालात समझती हैं और तुरंत एक्शन लेती हैं। इस तरह सृष्टि का संघर्ष, बेटियों के लिए प्रेरणा के रुप में एक आईडल मॉडल है।