BJP ki Mushkil ki ghadi Shuru, BJP की मुश्किल की घडी शुरू अगर बीजेपी अड़ी तो गिरी
स्पीकर चुनाव में टीडीपी जेडीयू आई साफ मुश्किल में बीजेपी अड़ी तो गिरेगी मोदी सरकार इंडिया गठबंधन टीडीपी के स्पीकर उम्मीदवार का समर्थन करने को तैयार नीतीश के इंडिया के संपर्क में होने की खबर
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नायडू कर सकते हैं बड़ा खेल लोकसभा स्पीकर को लेकर अब एनडीए में टूटत दिखाई देने लगी है जेडीयू की तरफ से भले ही दावा किया गया हो कि इस पद के लिए वह बीजेपी उम्मीदवार का समर्थन करेगी लेकिन नीतीश कुमार की खामोशी कुछ और ही दे रही है टीडीपी ने तो साफ कह दिया कि यह पद एनडीए के लिए है बीजेपी के लिए नहीं एनडीए का उम्मीदवार होना चाहिए बीजेपी का नहीं टीडीपी की तरफ से स्पीकर पद पर दावा ठोक दिया गया है पार्टी की तरफ से कहा गया कि वह एनडीए में बीजेपी के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है
इसीलिए स्पीकर का पद उसे ही मिलना चाहिए और यही परंपरा भी है अटल बिहारी वाजपेई की एनडीए सरकार का उदाहरण दिया जा रहा है लेकिन यह सच है कि यह बीजेपी वाजपई और आडवानी वाली बीजे नहीं बल्कि मोदी और शाह की बीजेपी है जो स्पीकर पद किसी भी हाल में सहयोगी दल को देने को तैयार नहीं है तो टीडीपी भी अड़ गई है स्पीकर पद पर एनडीए में सहमति बनाने की बात टीडीपी की तरफ से कही गई है और यह भी साफ कर दिया गया है कि सहमति का मतलब यह नहीं निकाला
स्पीकर पद चुनाव पर मचा घमासान, TDP पर अब INDIA ने खेला बड़ा दांव
जाए कि बीजेपी के किसी भी उम्मीदवार के नाम पर सहमति बनाई जाए इसके बाद केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने एनडीए में शामिल दलों की बैठक बुलाई जिसमें अमित शाह ललन सिंह चिराग पासवान सहित एनडीए में शामिल पार्टियों के कई प्रमुख नेता शामिल हुए लेकिन इस बैठक में भी उम्मीदवार के नाम पर सहमति नहीं बन पाने की खबर सामने आ रही है स्पीकर का चुनाव 26 जून को होना है 25 जून को इसके लिए नामांकन किया जाएगा ऐसे में अब करीब सप्ताह भर का समय ही बीजेपी के पास बचा है कि वह इस पद के लिए गठबंधन में
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सर्वसम्मति तैयार कर ले जो फिलहाल बेहद मुश्किल दिखाई दे रही है दरअसल जेडीयू को लेकर कहा जा रहा है कि पार्टी के राजय प्रवक्ता केसी त्यागी भले ही बीजेपी का समर्थन करने का दावा कर रहे हो लेकिन नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन के संपर्क में हैं क्योंकि मोदी सरकार से वह बेहद निराश दिखाई दे रहे हैं पहला तो जेडीयू को संख्या के हिसाब से मंत्री पद नहीं दिए गए नीतीश कुमार कम से कम दो कैबिनेट मंत्री और दो राज्यपाल मंत्री मांग रहे थे लेकिन उन्होने जेडीयू को केवल एक कैबिनेट मंत्री पद दिया गया और राज्यमंत्री का पद भी नहीं मिला साथ ही रेल वित्त जैसे कोई महत्त्वपूर्ण मंत्रालय भी जेडीयू के
नीतीश और नायडू ने मोदी के खिलाफ बगावत के दिए बड़े संकेत,
हिस्से में नहीं आए इसके बाद कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार ने इंडिया के लिए अपनी खिड़कियां खोल दी हैं और जल्द दरवाजा भी खोल सकते हैं उनकी नजरें टीडीपी पर लगी हुई हैं अगर टीडीपी की तरफ से कोई संकेत मिलते हैं तो नीतीश पलटी मार जाएंगे तो दूसरी तरफ टीडीपी का रुख लगातार कड़ा होता जा रहा है इंडिया गठबंधन ने भी टीडीपी के स्पीकर उम्मीदवार का समर्थन करने का ऐलान कर दिया है इस बीच शिवसेना यूपी सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि एनडीए के सहयोगियों को बीजेपी की नीतियों से सचेत रहना चाहिए क्योंकि बीजेपी स्पीकर और गवर्नर पोस्ट का दुरुपयोग कर अपने ही सहयोगी दल को खत्म करने की कोशिश करती रही है
इसीलिए जरूरी है कि टीडीपी या जेडीयू इस पद के लिए मांग करें स्पीकर बीजेपी का नहीं हो अगर बीजेपी का स्पीकर बना तो उनकी खुद की पार्टियों को बीजेपी से बचाने में मुश्किल होगी इंडिया गठबंधन जेडीयू और टीडीपी दोनों को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रहा है जेडीयू की तरफ से हरी झंडी मिलती भी दिखाई दे रही है बस टीडीपी की बगावत का इंतजार है वैसे भी टीडीपी को आंध्र प्रदेश सरकार चलाने के लिए बीजेपी के समर्थन की जरूरत नहीं है पार्टी के पास पहले से ही दो तिहाई से ज्यादा समर्थन है ऐसे में टीडीपी एनडीए छोड़ने पर भी विचार कर सकती है अगर बीजेपी ने स्पीकर पद को लेकर उसकी मांग नहीं मानी फिलहाल टीडीपी एनडीए में स्पीकर पद के लिए आम सहमति की बात कह रही है
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