BJP Ne 80 Seaten Dhokhe Se Jiti, BJP ने 80 सीटें बेईमानी से जीती, कैसे हुआ खेल सामने आया सच !
बीजेपी ने 80 सीटें बेईमानी से जीती कैसे हुआ खेल सामने आया सच वोटों के कथित घोटाले का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट बीजेपी परेशान 80 सीटों पर फिर से काउंटिंग कराने की उठी मांग सभी सीटें गई थी एनडीए के खाते में महाराष्ट्र में

शिवसेना शिंदे गुट के उम्मीदवार की 48 वोटों की जीत को लेकर बवाल मचा हुआ है इसे लेकर रोज खुलासे हो रहे हैं लेकिन अब दावा किया जा रहा है कि सिर्फ मुंबई उत्तर पश्चिम सीट का परिणाम ही सवालों में नहीं है बल्कि 80 सीटों के चुनाव परिणाम सवालों में में हैं एडवोकेट नरेंद्र मिश्रा ने तो इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका ही

दायर कर दी है उन्होंने दावा किया है कि यूपी में 48 लाख वोटों की हेराफेरी की गई है जो वोट ईवीएम में डाले गए और बाद में 4 जून को गिने गए उसमें 48 लाख वोटों का अंतर था अचानक ये वोट कैसे बढ़ गए अगर यह वोट बीजेपी और उसके सहयोगियों के हिस्से में गए हैं तो फिर पूरा चुनाव ही फर्जी हो जाएगा एडवोकेट मिश्रा ने दावा किया कि जो गड़बड़ी यूपी में हुई है वो पूरे देश में हुई है और अब आप सांसद संजय सिंह ने इससे भी बड़ा खुलासा किया है उन्होंने कहा कि पूरे देश में ऐसी 80 सीटें हैं जहां

बीजेपी हार रही थी लेकिन अचानक ही उसे जिता दिया गया इसके लिए काउंटिंग में जमकर हेराफेरी की गई है अगर 80 सीटों के चुनाव परिणाम जनमत के हिसाब से आते हैं तो एनडीए की सीटें 210 रह जाती जबकि इंडिया गठबंधन को करीब 310 सीटें मिलती उन्होंने यहां तक कह दिया कि अगर इन 80 सीटों पर फिर से काउंटिंग करा दी जाए तो नरेंद्र मोदी की सरकार ही चली जाएगी ईवी को लेकर सर्वोच्च न्यायालय और चुनाव आयोग को कोई सख्त निर्णय लेना चाहिए संजय सिंह ने कहा कि बटन किसी एक पार्टी के लिए दबाया जा रहा है और वोट किसी दूसरी पार्टी को जा रहा है

महाराष्ट्र में ईवीएम का ओटीपी उम्मीदवार के साले के मोबाइल पर कैसे जा रहा था शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के जो उम्मीदवार जीत रहे थे उन्हें 48 वोटों से हारा हुआ घोषित किया जा रहा है और वहां भी एनडीए उम्मीदवार की शिकायत पर तीन बार काउंटिंग कराई जा रही है क्योंकि दो बार की काउंटिंग में उद्धव ठाकरे की पार्टी का उम्मीदवार जीत रहा था
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इसलिए तब तक बार-बार काउंटिंग कराई गई जब तक हेराफेरी कर चुनाव परिणाम नहीं बदल दिया गया पूरे देश के अंदर ऐसी कम से कम 80 सीटें हैं जिसको लेकर सर्वोच्च न्यायालय में याचिका भी दाखिल हुई है अगर ठीक ढंग से काउंटिंग होकर निर्णय आ जाएगा तो मौजूदा सरकार गिर जाएगी हम सभी ने देखा कि कहीं पर लाइट बंद कराई गई इस तरह के कई मामले सामने आए कई जगह से आप सांसद ने कहा कि अमेरिका जैसा देश कह रहा है कि ईवीएम बंद होनी चाहिए हमने कई बार को लेकर मांग उठाई तो मीडिया भी हमारा मजाक उड़ा लेता है लेकिन सवाल यह है कि इससे लोकतंत्र कितना मजबूत होगा अगर ईवीएम में एक बार नहीं अनेक बार ऐसी घटनाएं हुई तो क्या यह चिंता का विषय नहीं होना चाहिए संजय सिंह का दावा है कि जिन 80 सीटों की वह बात कर रहे हैं वह एक राज्य में नहीं बल्कि पूरे देश के अलग-अलग राज्यों की है और सबसे बड़ी बात यह कि गड़बड़ी उन राज्यों में ज्यादा हुई है जहां सरकार बीजेपी या उसके सहयोगियों की है दरअसल हर चुनाव के पहले और उसके बाद ईवीएम पर सवाल उठते रहे हैं
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लेकिन इस बार जब बीजेपी को हार मिली फिर भी उसने दूसरे दलों के साथ मिलकर सरकार बना ली तो ईवीएम पर एक बार फिर से सवाल खड़े हो गए क्योंकि अगर बीजेपी और उसके सहयोगियों की सीटों की संख्या 80 कम हो जाती तो फिर वह सरकार बनाने की दौड़ में दूर दूर तक नहीं दिखाई देती लोकसभा चुनावों में इस बार बीजेपी को सिर्फ 240 सीटें मिली जबकि उसके सहयोगियों को 53 सीटों पर जीत मिली जबकि इंडिया गठबंधन ने 234 सीटों पर जीत हासिल की है यानी बीजेपी और इंडिया गठबंधन दोनों के बीच सीटों का अंतर ज्यादा नहीं था ऐसे में अगर 80 सीटों पर हेराफेरी का इंडिया गठबंधन के नेताओं का आरोप सही है तो पूरे मामले की जांच कराई जानी चाहिए अगर इसकी जांच नहीं होती है तो ईवीएम के साथ ही चुनाव प्रक्रिया पर भी सवाल बन रहे हैं क्योंकि यह मामला जनमत की चोरी से जुड़ता दिखाई दे रहा है
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