अब खेती करनी बिल्कुल आसान, अब मोबाइल से करें अपनी फसलों का इलाज | फसलों का डॉक्टर
अगर खेत में कोई पौधा बीमार दिखता है तो यह किसान अपना फोन निकालते हैं तस्वीर लेते हैं और तुरंत पता लगा लेते हैं कि पौधा रोग ग्रस्त है या नहीं प्लांटिक हम लोग को जैसा हमारे लाइफ में डॉक्टर की जिस जितनी अहमियत है उतने ही क्रॉप के बारे में प्लांटिक से डॉक्टर जैसा काम करता है हम लोग को प्रिस्क्रिप्शन प्रिपर करते है खेत में कुदाल और फावड़े के साथ स्मार्टफोन ले जाना भारतीय किसानों की रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गया है
भारतीय खेती में डिजिटल उपकरणों के इस्तेमाल की संभावना बहुत ज्यादा है भारत की करीब आधी आबादी खेतीबाड़ी से जुड़ी है लोगों के लिए यूं ही देखकर किसी बीमारी की सही पहचान करना मुश्किल है मगर यह ऐप इस काम को खेत से ही कुछ ही सेकंड में कर सकता है लेकिन यह काम कैसे करता है देखो य ऐप यूज करना बिल्कुल इजी है हम लोग को जाना है पंक्स प में वहां पे हम लोग को टेक अ पिक्चर वी आर टेकिंग पिक्चर ऑफ पर्टिकुलर एरिया फोटो निकाल के व फोटो अपलोड कीजिएगा फोटो अपलोड हो रहा है पहले क्रॉप डिटेक्शन होगा इस डाटा को प्लांटेक्स जर्मनी में प्रोसेस करता है यह ऐप हेलम फार्मास्यूटिकल कंपनी का है
हिस्सा है ऐप बनाने वालों ने हनोवर यूनिवर्सिटी में पढ़ते समय टमाटर के साथ प्रयोग शुरू किया था यह फिर हमारे सर्वर पर भेजा जाएगा जहां एक गहन न्यूरल नेटवर्क इसकी जांच पड़ताल करेगा तो यह मूल रूप से एक ऐसा मॉडल है जो किसी खास बीमारी या कीड़े का एक अनूठा फिंगरप्रिंट ढूंढता है और फिर नतीजे देता है पौधों के डॉक्टर इमेज डेटाबेस की उन तस्वीरों को छांट में मदद करते हैं जिन्हें वह पहचान नहीं पाता इस तरह एआई सीखता है ताकि बाद में वह देखभाल और उपचार के लिए सुझाव दे सके सिमटम्स बताए लोइंग लीव स्टार्ट फ्रॉम मार्जिन मार्जिन से यलो हो रहा है तो अभी यहां पे डिटेक्शन आया है यह डिसीज डिसीज नहीं है लेकिन ये पोटेशियम की डिफिशिएंसी है लगभग 80 लाख किसान पहले से ही प्लांटस पप का उपयोग करते हैं इनमें से तकरीबन सभी किसान भारतीय हैं
पप के डेटाबेस में 3.5 करोड़ पौधों की बीमारियों की तस्वीरें हैं जिससे रोग का बिल्कुल सही पता लग जाता है क्या आप 30 अलग-अलग फसलों में 700 तरह की बीमारियों को जानते हैं शायद नहीं क्योंकि यह बहुत सारी जानकारी है इतने ज्यादा रोगों की पहचान करना इंसान के लिए कठिन है अगर किसी बीमारी का पता चलता है तो ऐप यूजर को सही कीटनाशक की सलाह देता है और यह भी बताता है कि इसे कहां से खरीदा जा सकता है लेकिन स्थानीय विक्रेताओं के पास हमेशा सभी उत्पाद स्टोर में नहीं होते हैं
जिससे किसान गलत या नकली उत्पाद भी खरीद हमारा अनुमान है कि भारत में और शायद दुनिया के बाकी देशों में बेचे जाने वाले सभी उत्पादों में से करीब आधे किसी बीमारी के इलाज के लिए उपयुक्त नहीं है और हम सबसे पहले दवाओं के सुझाव को सटीक बनाने की कोशिश करते हैं और फिर किसानों को ऐसे उत्पाद खरीदने में मदद करते हैं जो जानी मानी कंपनियों के हैं जो उत्पाद वाकई अच्छे हैं प्लांटस के इस्तेमाल के बाद किसानों ने बेहतर उपज की जानकारी दी है शिंदे ने पहले अपनी आजीविका के लिए एआई पर भरोसा करना ठीक नहीं समझा था य शुरू शुरू में तो हमने भरोसा किया नहीं था इसके ऊपर ठीक है
NPK Fertilizer क्या होता है, NPK उर्वरक – खाद की पूरी जानकारी
तो बाद में दो तीन चार महीने के बाद तो उसका फीचर एक बढ़िया ऐसा है आप कैमेरा में जो इफेक्टेड पेज है लज क्रॉप का उसका फोटो निकालो फोटो निकालने के बाद तुरंत व बना बताता है इसमें डिसीज कौन सा है फिलहाल एआई किसानों के ज्ञान और अनुभव की जगह नहीं ले सकता लेकिन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस खेती के कामों को कुछ आसान जरूर बना सकता है