क्या सोमवार को ही व्रत रखना आवश्यक है
भगवान शिव को सावन का मास अत्यंत प्रिय है इस महीने में शिव भक्त अपनी मनोकामना पूर्ण करने हेतु सोमवार के व्रत रखते हैं लेकिन सोमवार के व्रत के अलावा अन्य शुभ अवसर या शुभ दिन भी सावन के महीने में आते हैं और अन्य उपवास भी रख सकते हैं
कालांतर में श्रावण माह को श्रावण सोमवार के नाम से जाना जाने लगा है इससे यह समझा जाने लगा कि सावन माह में केवल सोमवार को ही व्रत रखना चाहिए जबकि इस माह में व्रत रखने की और भी शुभ दिन होते हैं जो चार माह तक चलते हैं जिसे चातुर्मास भी कहते हैं शिव पुराण के अनुसार जिस मनोकामना से कोई भी इस मास के सोमवारों का व्रत करता है उसकी वह मनोकामनाएं जल्दी और अवश्य पूरी होती है जिन्हें 16 सोमवार व्रत करने हैं वे सावन के पहले सोमवार से व्रत आरंभ कर सकते हैं इस मास में भगवान शिव को बेलपत्र वह दूध अत्यंत शुभ वह फलदायक माने जाते हैं
हिंदू धर्म में सावन के महीने का अधिक महत्व क्यों
सावन मास के पवित्र दिन
वैसे तो सावन का पूरा माह ही पवित्र होता है लेकिन सावन के सोमवार को अधिक महत्व दिया जाता है इसके साथ ही अन्य पवित्र दिन भी इस माह में आते हैं जैसे गणेश चतुर्थी, मंगला गौरी व्रत, मोना पंचमी, श्रावण माह का पहला शनिवार, कमीका एकादशी, कलिक अवतार , ऋषि पंचमी, 12वीं को हिडला व्रत, हरियाली अमावस्या, विनायक चतुर्थी नाग पंचमी, पुत्रदा एकादशी, त्रयोदशी, वर लक्ष्मी व्रत, गोवत्स और बहुला व्रत, पिथोरी, पोला , नराली पूर्णिमा ,श्रावणी पूर्णिमा ,पवित्र रोपण शिव चतुर्थी और रक्षाबंधन आदि पवित्र दिन है
सावन का महीना कब से आरंभ हो रहा है और कितने होंगे सावन के सोमवार
श्रावण मास में सोमवार के व्रत कैसे रखें
सावन मास में श्रावण मास में सोमवार के व्रत का बहुत अधिक महत्व है घर या मंदिर में शिवलिंग पर जल में गंगाजल डालकर जल अभिषेक करें फिर पंचामृत शिव को चढ़ाए सफेद चंदन से शिवलिंग पर दाएं हाथ की तीन उंगलियां से टीपू बनाएं अन्य पूजा सामग्री भी अर्पित करें देवी पार्वती को 16 श्रृंगार की सामग्री चढ़ाई और धूप दीप भोग लगाकर सोमवार व्रत की कथा अवश्य सुने
धार्मिक मान्यता है कि सोमवार का व्रत करने से प्रत्येक व्यक्ति को दुख कष्ट पीड़ा और परेशानियों से मुक्ति मिलती है वह सुखी निरोगी समृद्ध और शांति में जीवन का आनंद उठाता है सावन माह में सोमवार को जो भी पूरे विधि विधान से शिव की पूजा अर्चना करता है वैसे व्रत रखता है उसे शिवजी का विशेष आशीर्वाद मिलता है इस दिन व्रत करने से बच्चों की बीमारी दूर होती है दुर्घटना व अकाल मृत्यु से भी मुक्ति मिलती है मनचाहा जीवनसाथी मिलता है वैवाहिक जीवन में आ रही परेशानियों का भी अंत होता है सरकार से जुड़ी हुई परेशानियों का हाल साथ ही आध्यात्मिक उत्थान होता है सावन के महीने में भगवान शिव को प्रसन्न कर अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए सावन सोमवार का विशेष महत्व है शिव की उपासना व्यवहार करने की अलग अलग विधि होती है आज हम इस आर्टिकल में शिव सोमवार के व्रत की आसान विधि का वर्णन करते हैं
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व्रत के नियम
वर्ती को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए सफेद वस्त्र धारण करेंपूजा स्थान या पूजा घर में साफ सफाई करने के बाद भगवान शिव का अभिषेक जल या गंगाजल वह दूध द्वारा करना चाहिए विशेष अवसर व विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए दूध दही ही शहर चने की दाल सरसों तेल काले तिल आदि अन्य सामग्रियों से अभिषेक की विधि भी प्रचलित मानी जाती है
तत्पश्चात ओम नमः शिवाय मंत्र के द्वारा श्वेत फुल श्वेत चंदन पंचम अमित चावला सुपारी फल गंगाजल या पानी से भगवान शिव पार्वती की पूजा करनी चाहिए
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अभिषेक के दौरान पूजन विधि के साथ-साथ मित्रों का जाप आवश्यक माना गया है फिर महामृत्युंजय मंत्र का जब वह गायत्री मंत्र का जाप या फिर भगवान शिव का पंचक श्री मंत्र शिव पार्वती की पूजा के बाद व्रत का संकल्प लेकर सावन के सोमवार की व्रत कथा करें दिन में केवल ए इस व्रत में दूध शक्कर दही तेल बैंगन पत्तेदार सब्जियां नमकीन मसालेदार भोजन मिठाई सुपारी मांस मदिरा का सेवन निषेध हैक समय भोजन नमक रहित भोजन ग्रहण करें अगर पूरे दिन व्रत करना संभव नहीं हो तो सूर्यास्त तक भी व्रत कर सकते हैं
सावन के सोमवार का व्रत किस-किस को करना चाहिए
सावन के सोमवार का व्रत प्रत्येक व्यक्ति कर सकता है अविवाहित लड़कियां विवाहित लड़कियों व लड़के सभी इस व्रत को रख सकते हैं शारीरिक रूप से स्वस्थ हो और मानसिक रूप से स्वच्छ हो
सावन के सोमवार का व्रत किस नहीं करना चाहिए
असोच अवस्था में व्रत करना निषेध है जिसकी शारीरिक स्थिति ठीक ना हो व्रत रखने पर व्रत भंग होने की संभावना हो उसे व्रत नहीं करना चाहिए मासिक धर्म में भी व्रत नहीं करना चाहिए यदि कहीं पर जरूरी यात्रा करनी हो तब भी व्रत रखना जरूरी नहीं है झूठ चोरी व निंदा करने वाले मनुष्य को भी यह व्रत नहीं करना चाहिए
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