NPK Fertilizer क्या होता है, NPK उर्वरक – खाद की पूरी जानकारी
नमस्कार किसान भाइयों आज की इस आर्टिकल में हम जानेंगे रासायनिक खाद के बारे में जानेंगे मुख्यतः रासायनिक खाद के तीन प्रकार होते हैं जिसमें मुख्य है सूक्ष्मनंद्र जिनको हम अंग्रेजी में मेजर न्यूट्रिएंट सेकेंडरी न्यूट्रिएंट और माइक्रो न्यूट्रिएंट के नाम से भी जानते है।

कोई भी फसल पेड़ पौधा अपना भोजन स्वयं कैसे बनाते हैं
किसान भाइयों मुख्यमंत्री के भी तीन प्रकार होते हैं जिसमें नत्रपुर और पलस जिनको हम अंग्रेजी में नाइट्रोजन फास्फोरस और पोटाश के नाम से भी जानते ही किसान भाइयों मुख्य अन्नाद्रवियों को एनपी फर्टिलाइजर के नाम से भी जाना जाता है किसान भाइयों पहले हम मात्रा के बारे में जानेंगे नटराज यानी नाइट्रोजन जिसकी रासायनिक नाम से जाना जाता है उड़िया जो मात्रा उड़िया की बुरी हम दुकान से लेते उसमें 40% नाइट्रोजन होता है पौधों की शाकिर में मदद करता है

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ना तो हमारी फसलों को हर रंग प्रधान करता है नटराज की वजह से ही हमारी फासले पेड़ पौधे जल्दी से बढ़ पाते है मतलब की कमी हमारी फसलों में होगी तो क्या होता है की हमारी फसलों की और पौधों की पुरानी पत्तियां पीली होकर गिरने लग जाती है अगर ज्यादा ही नटरंग हमारी फसलों में होगी तो नई पट्टी अभी पीली पढ़ने लग जाती है और पौधों का छोटा रहना फसलों का छोटा रहना ये भी मात्रा के अभाव के करण होता है किसान भाइयों मेरी तरह आपको भी एक सवाल आता होगा कि हमारे वातावरण में 78% नाइट्रोजन होते हुए भी वो हमारी फसल को क्यों नहीं मिल पता तो इसका जवाब यह है की हमारी फासले सिर्फ नाइट्रेट शुरू वाले नत्रों को ही ले सकती इसलिए वो वातावरण के मात्रा को फिक्स करने का काम कुछ बैक्टीरिया से करते हैं

जिसको हम नाइट्रोजन फिक्सिंग
बैक्टीरिया बोलते हैं वो इस वातावरण के मात्रा को फिक्स करके हमारी फसलों को देते है संभव हो हमारी अगली खालिस पुराद यानी
फास्फोरस जिसकी रासायनिक सदन पी है और पूर्व हमारी फसलों और पौधों की जादौन को तेजी से विकसित होने में मदद करता है
हमारी फसलों की खड़े रहने की क्षमता थोड़ा सा ही सूरज की वजह हमारी फसलों की कोशिकाओं को भी वर्जित करता है किसान भैया पूर्व हमारी फसलों को मात्रा लेने में भी मदद करता है अगर सूरज की कमी हमारी फसलों में होगी तो क्या होता है की फसलों की पट्टी या बुरे बैंगनी रंग की हो जाती है जादौन का ढंग से विस्तार ना हो ना जाडो का सुखना ये भी सूरज की कमी के कारण होता है दोनों का निर्माण ढंग से ना होना, फलों का निर्माण ढंग से ना होना, ये भी एक सूरज की कमी का लक्षण है

किसान भाइयों हमारी अगली खाद्य पलाश यानी पतिया जिसकी रासायनिक सन्या के ही किसान भाइयों जब तक हमारी फासले पेड़ पौधे जिंदा है तब तक वो पलाश को संभल के रखते हैं पकड़ के रखते हैं जब हमारी फसलों और पेड़ पौधों की अवधि खत्म हो जाती है तब वो पलाश को जमीन में वापस भेज देते हैं किसान भाइयों की जादौन को मजबूत बनाता है हमारी फसलों में प्रोटीन और शक्कर के संरक्षण में भी मदद करता है जब हमारी फसलों के फल डेन पकाने की अवस्था में होते किसान भाइयों अगर पलासी कमी हमारी फसलों में होगी तो क्या होता है कि पत्तियां किनारे से लेकर अंदर की और जलने लगती है और पत्तियां दबेदार हो जाती है पलाश की कमी के करण फलों का टेढ़ा मेडा होना