IMT Industery in Haryana : हरियाणा में किसानों की बल्ले-बल्ले हो गई है, जिनकी जमीन आईएमटी हब में आएगी। बता दें कि प्रदेश सरकार द्वारा छह औद्याेगिक क्षेत्र यानी आईएमटी बनाने की घोषणा की है। यह आईएमटी फरीदाबाद में दो, जींद में एक, रेवाड़ी में एक, दो अंबाला में बनकर तैयार होगी। इसके लिए हरियाणा सरकार की ओर से 35000 एकड़ जमीन को अधिग्रहण किया जाएगा। इसमें सबसे ज्यादा भूमि का अधिग्रहण जींद जिले में 12 हजार एकड़ होगा।
1200 गज का प्लाट दिया जाएगा
हाल ही के दिनों में हरियाणा सरकार ने भूमि देने के इच्छुक किसानों के लिए ई भूमि पोर्टल खोल दिया है, किंतु काफी किसान इसमें जमीन देने के लिए राजी नहीं है। इसी दौरान में केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने फरीदाबाद में किसानों को गुड न्यूज देते हुए बड़ी जानकारी दी है। उन्होंने जानकारी दी है कि, किसान एक एकड़ जमीन देता है तो उसमें विकसित होने वाली आईएमटी में जमीन मालिक को 1200 गज का प्लाट दिया जाएगा।

कैसे मिलेगा 1200 गज का प्लाट?
मंत्री गुर्जर की जानकारी के तहत 1000 गज का प्लाट रिहायशी क्षेत्र में, जबकि 200 गज का प्लाट औद्योगिक क्षेत्र में दिया जाएगा। जबकि सरकार की ओर से किसान की अधिग्रहण की गई जमीन का पूरा मुआवजा दिया जाएगा। केंद्रीय राज्य मंत्री ने यह जानकारी उस समय दी जब फरीदाबाद में बनने वाली दो आईएमटी के विरोध में किसान उनसे मिलने के आए थे। जहां पर किसानों ने कहा था कि 15 गांवों के किसान की करीब 200 एकड़ जमीन इस योजना में आ रही है, मगर किसान अपने भविष्य को देखते हुए इस जमीन को देखने के लिए तैयार नहीं है।
जमीन अधिग्रहण में किसानों और हरियाणा सरकार में समीकरण समझें
किसानों ने मंत्री के सामने राय रखी की, किसानों की मांग को हरियाणा सरकार के समक्ष रखा जाए और इसका समाधान किया जाए। इस पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जमीन को किसानों की मर्जी के हिसाब से अधिग्रहण किया जाएगा और किसी के साथ जबरदस्ती नहीं की जाएगी। पहले की सरकार किसानों से जबरदस्ती जमीन को ले लेती थी, किंतु अब ऐसा न हीं होगा। अब किसान अपनी मर्जी से अगर जमीन चाहे तो उसके जो सही मोल-भाव लगता है, उसी के आधार पर वह सरकार को ऑफर कर सकता है और सरकार को मोल-भाव सही लगा तो वह जमीन खरीद लेगी नहीं ती किसान के पास उसकी जमीन सुरक्षित है।
रिहायशी इलाकों में मिलेगा 200 गज का प्लाट
मंत्री कृष्णपाल गुर्जर नें किसानों को समझाते हुए कहा कि यदि कोई किसान एक एकड़ जमीन सरकार को देता है तो सरकार उस आईएमटी विकसित करेगी। उसी सेक्टर में 1 हजार वर्ग गज का रिहायशी और 200 वर्ग गज का वाणिज्यिक प्लाट किसान को दिया जाएगा। जहां पर किसान को कुल 1200 गज जमीन दी जाएगी और मुआवजा उनकी शर्तों के हिसाब से दिया जाएगा।