HSSC CET : हरियाणा में 876 पुलिस कर्मियों ने दिया CET का एग्जाम, पटवारी-क्लर्क बनने की चाहत, खाकी की ड्यूटी लग रही हार्ड

Date:

HSSC CET : हरियाणा में 26 और 27 जुलाई को हुए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) में 876 पुलिस कर्मियों व सरकारी कर्मचारी भी शामिल थे। ये पुलिस कर्मी भी पटवारी और क्लर्क की नौकरी करना चाहते हैं, इसलिए इन्होंने पुलिस की जॉब में होते हुए भी सीईटी दिया। ज्यादातर का मानना है कि पुलिस की बजाय पटवारी और क्लर्क की नौकरी ज्यादा आरामदायक है। खाकी की ड्यूटी इनसे हार्ड है।

हरियाणा के सिरसा जिले में ही 279 पुलिसकर्मियों ने इस बार CET का पेपर दिया। सूत्र बताते हैं कि हिसार में 247, महेंद्रगढ़ में 350 पुलिसकर्मियों और फतेहाबाद में 292 सरकारी कर्मचारियों ने एग्जाम दिया है। बहुत से पुलिसकर्मी ऐसे भी रहे, जो परीक्षा ड्यूटी होने की वजह से खुद CET का पेपर देने से चूक गए।

यह CET हरियाणा में ग्रुप C पदों पर भर्ती के लिए हुआ। इन पदों में क्लर्क, पटवारी, असिस्टेंट, स्टेनोग्राफर, टेक्नीशियन, लैब अटेंडेंट, नहर पटवारी, ग्राम सचिव और विभिन्न विभागों में सहायक पद होते हैं। पुलिस विभाग में कॉन्स्टेबल और सब-इंस्पेक्टर जैसे पद भी ग्रुप सी के अंतर्गत ही आते हैं।

सिरसा में SI, ASI ने भी (HSSC CET) एग्जाम दिया
सिरसा में CET का पेपर देने वालों में प्रोबेशनर सब इंस्पेक्टर, ASI और कॉन्स्टेबल शामिल रहे। जैसे साइबर थाना, रानियां एवं ओढ़ा थानों में तैनात 5 से 7 कर्मियों ने (HSSC CET) दिया। साइबर थाना प्रभारी सुभाष चंद्र ने बताया कि थाने से 7 पुलिसकर्मियों ने CET का पेपर दिया है। उन्होंने खुद रजिस्ट्रेशन कराया था लेकिन पेपर नहीं दे पाए। रानियां थाना प्रभारी दिनेश कुमार ने बताया कि उनके थाने से 5 से 7 कर्मचारियों ने पेपर दिया है।

कई ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पुलिस जॉब में रहते हुए खुद और फैमिली को टाइम दे पाना मुश्किल है। बाकी सरकारी नौकरियों में छुट्टियां भी ज्यादा होती हैं और ड्यूटी के घंटे भी निर्धारित रहते हैं।

पुलिस नौकरी ही नहीं, बड़ी जिम्मेदारी है। चाहे दिन हो या रात। सुरक्षा व कानूनी व्यवस्था संभालना ही बहुत हो जाता है। कुछ होता है तो लोग पुलिस को ही जिम्मेदार ठहरा देते हैं। साप्ताहिक अवकाश जैसी सुविधा मुश्किल से मिलती है। तीज-त्योहारों पर भी ड्यूटी लगती है।


ग्रुप-D कर्मियों ने भी ग्रुप-C में तरक्की के लिए दिया पेपर
इस बार CET पेपर देने वालों में ऐसे अभ्यर्थी भी रहे, जो पहले ही सरकारी विभाग में ग्रुप डी के तहत चपरासी, माली, हेल्पर व चौकीदार हैं। झज्जर के सरकारी स्कूल में तैनात चपरासी (नाम न छापने की शर्त) ने बताया कि चपरासी बनने से पहले वो एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाते थे। फिर CET पास करके चपरासी लग गए। इस बार इस उम्मीद में CET दिया है कि इससे ग्रुप सी में भर्ती की पात्रता मिल जाएगी। हरियाणा में कई एमए-बीएड और यहां तक की एमफिल करे लोग भी ग्रुप डी चयनित हुए। हालांकि वे चपरासी गीरी करने की बजाय स्कूलों में कक्षाएं लेते हैं।

2017 में 500 कंडक्टर बसें छोड़ रातों-रात बने मास्टरजी
वर्ष 2017 में भी ऐसा हुआ था, जब रोडवेज के 500 कंडक्टरों ने इस्तीफा देकर प्राइमरी टीचर (PRT) बन गए थे। ये वो अभ्यर्थी थे, जिन्होंने पहले ही हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा (HTET) पास कर रखी थी और JBT के रूप में चयनित थे। लेकिन मामला कोर्ट में चला गया। तब उन्होंने रोडवेज या अन्य विभागों में निकली भर्तियों में जॉइन कर लिया था।

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से क्लियरेंस मिलते ही शिक्षा विभाग ने रातों-रात आदेश जारी कर दिया कि चयनित अभ्यर्थी नौकरी जॉइन करें। जिसके बाद अप्रैल 2017 में 500 कंडक्टर ने टीचर के रूप में जॉइन कर लिया, जिससे रोडवेज की बसें कई रूट पर बंद हो गईं।

Spread the love

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Popular

Recently Post
Related