IMT Haryana : हरियाणा में जींद समेत 4 जिलों में बनेंगे 6 आईएमटी, सरकार खरीदेगी 35 हजार एकड़ जमीन, जींद में सबसे बड़ी टाउनशिप

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IMT Haryana : हरियाणा में 6 नई इंडस्ट्रियल मॉडल टाउनशिप (IMT) बनेंगी। इनमें से 2 CM नायब सैनी के गृह जिले अंबाला में होंगी। फरीदाबाद में 2, रेवाड़ी और जींद में 1-1 होगी। इन IMT के लिए सरकार को करीब 35,500 एकड़ जमीन की जरूरत होगी। सबसे ज्यादा 12 हजार एकड़ जमीन की जरूरत जींद IMT के लिए है। मध्य हरियाणा का यह पहला IMT होगा।

पूर्व में किसानों के विरोध को देखते हुए प्रदेश सरकार जबरदस्ती अधिग्रहण करने की बजाय भूमि मालिकों की मर्जी से जमीन लेगी। जमीन बेचने के इच्छुक किसान खुद हरियाणा राज्य औद्योगिक विकास निगम (HSIIDC) के ई-भूमि पोर्टल पर पेशकश कर सकते हैं। इसके लिए 31 अगस्त तक आवेदन होंगे। इसमें किसान मर्जी की रेट भी मांग सकते हैं। हालांकि उस इलाके के कलेक्टर रेट और बाजार कीमत के हिसाब से सरकारी अफसर बातचीत के जरिए मोलभाव करेंगे।

सीएम ने 28 जून को अंबाला में घोषणा की
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 28 जून को अंबाला के उत्कृष्ट छात्र सम्मान समारोह के दौरान मंच से अंबाला में आईएमटी की घोषणा की। तब कहा कि जल्द ही सरकार जमीन के लिए विज्ञापन जारी करेगी। राज्य सरकार उद्योगों को बढ़ावा देने व निवेश को आकर्षित करने के लिए प्रदेश में 10 नए आईएमटी स्थापित करने की योजना पर काम कर रही है।

हुड्डा सरकार में अंबाला में रद्द करनी पड़ी IMT
वर्ष 2010-11 में तत्कालीन भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार ने अंबाला के पंजोखरा साहिब समेत 6 गांवों में 1852 एकड़ जमीन अधिग्रहण के लिए धारा-4 के नोटिस जारी किए थे। इसके विरोध में किसान आंदोलन शुरू हो गया था। अंबाला का तत्कालीन सांसद कुमारी सैलजा व अंबाला कैंट विधायक अनिल विज किसानों के आंदोलन में पहुंचे थे। किसानों का तर्क था कि आईएमटी के लिए उपजाऊ की बजाय कहीं ओर बंजर जमीन का अधिग्रहण किया जाए। आंदोलन के देखते हुए हुड्डा सरकार के अधिग्रहण की योजना रद्द करनी पड़ी थी।

अंबाला में 5000 एकड़ में 2 IMT बनेंगी
पहली, अंबाला सिटी के खैरा, नग्गल व नडियाली इलाके के पास 2000 एकड़ जमीन की जरूरत है। पहले इन गांवों के किसानों ने 566 एकड़ जमीन देने की पेशकश की थी। यह इलाका अंबाला-नारनौल एक्सप्रेस-वे 152-D के पास हैं। पूर्व मंत्री असीम गोयल का गांव नन्यौला भी पास पड़ता है।

दूसरी, नारायणगढ़ में चेची माजरा, डेरा, हमीदपुर व टोका गांवों में 3000 एकड़ जमीन की जरूरत है। नारायणगढ़ में CM नायब सैनी का गांव मिर्जापुर-माजरा पड़ता है। जिन इलाकों में IMT के लिए जमीन चाहिए वो हिमाचल प्रदेश के कालाअंब से सटे हुए हैं। कालाअंब हिमाचल का बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है। हरियाणा से काफी इंडस्ट्री ने कालाअंब में पलायन किया है।

जींद में IMT की दिल्ली से कटरा, नारनौल से अंबाला तक कनेक्विटी
प्रदेश के सियासी गढ़ जींद की पहली IMT होगी। अभी तक जीटी रोड के किनारे बसे जिलों में ही तेजी से तरक्की हुई है। अब जींद से होकर दो नए एक्सप्रेस-वे 152-D और दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस-वे गुजर रहे हैं। 12,000 एकड़ में प्रस्तावित यह IMT अब तक की प्रदेश की सबसे बड़ा औद्योगिक-रिहायशी टाउनशिप होगी। वर्तमान की सबसे बड़ी खरखौदा आईएमटी करीब 8,150 एकड़ में है।

फरीदाबाद-पलवल में होंगी दो IMT, जेवर एयरपोर्ट से जुड़े हाईवे को चुना
फरीदाबाद में 2 IMT बनाने की योजना है। दोनों जगह कुल 13,500 जमीन की जरूरत होगी। पहली 4500 एकड़ में बनेगी। जिसमें खेड़ी कलां, नचोली, ताजपुर, धनकौला, शाहबाद, ताजापुर, बदरपुर सेद, साहुपुरा, सोताई, सुनपर, मलेरना, जाजरू, भैंसरावली, फतुपुरा, बुआपुर, जसाना, फरीदपुर, सदपुरा, तिगांव सेक्टर : 94ए, 96, 96, 97ए, 99, 100, 101, 102, 103, 140, 141 व 142 शामिल हैं।

दूसरी IMT के लिए फरीदाबाद और पलवल में 9000 एकड़ जमीन की जरूरत होगी। इनमें छैंसा, मोहीयापुर, मोहना, बागपुर कलां, बागपुर खुर्द, बहरौला, हंसपुर, सोलरा, थंथरी इलाके शामिल हैं। नई टाउनशिप जेवर एयरपोर्ट से जुड़ने वाले नेशनल हाईवे के किनारे होगी।

वाड़ी में 5000 एकड़ में बनेगी IMT, जिले की दूसरी होगी
रेवाड़ी में 5000 एकड़ में आईएमटी बनेगी। इसके लिए सरकार खेड़ा, आलमपुर, पहराजवास, पाल्हावास, रोहराई, रोझुवास, सैदपुर, शादीपुर, अहमदपुर पार्थल, शादीपुर, सुरखपुर टप्पा कोसली, कुतुबपुर जागीर, कुतुबपुर मौला गांवों में जमीन ढूंढ रही है। कोसली, पाल्हावास और रेवाड़ी तहसीलों को मिलाकर एक नई इंडस्ट्रियल मॉडल टाउनशिप बनेगा। इससे पहले बावल में करीब 8 हजार एकड़ में आईएमटी है। HSIIDC द्वारा विकसित यह आईएमटी दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेस-वे (एनएच-8) पर करीब 6 किलोमीटर एरिया में फैला है।

किसान कलेक्टर रेट से 5 गुना दाम मांग कर रहे….

फरीदाबाद के बुआपुर गांव के सरपंच गिरिधारी लाल कहते हैं-क्षेत्र में कलेक्टर रेट यानी सरकारी सर्कल रेट बहुत कम है। प्राइवेट बिल्डर मंहगी जमीन खरीद रहे हैं। सरकार को मार्केट रेट के हिसाब से जमीन लेनी चाहिए।


फरीदाबाद के सदपुरा गांव की सरपंच पूनम के प्रतिनिधी अजय कहते हैं- सरकार मार्केट रेट दे। अभी सर्कल रेट बाजार कीमत से काफी कम है।
रेवाड़ी के पाल्हावास गांव के सरपंच प्रतिनिधि महेश ने कहा-सरकार ने अभी कोई रेट ऑफर नहीं किया। किसान अपनी जमीन का सर्किल रेट से चार गुना रेट चाह रहे हैं। कुछ जगह सर्किल रेट में भी अंतर है।


रेवाड़ी के खेड़ा आलमपुर गांव के सरपंच नरेंद्र कुमार बोले- ग्रामीण सर्किल रेट से चार से पांच गुना रेट पर अपनी जमीन देने को तैयार हैं। किसान विकास के खिलाफ नहीं है, लेकिन जमीन का रेट उचित मिले। कुछ किसान किसी भी कीमत पर जमीन बेचने को तैयार नहीं हैं।
जींद के ढिल्लूवाला गांव के सरपंच अतेश कुमार ने कहा कि गांव के ज्यादातर किसान अपनी जमीन देने को तैयार हैं। पिछले कुछ दिनों से इसे लेकर गांव में चर्चाएं चल रही हैं।


जींद के खांडा गांव के सरपंच प्रतिनिधि सोनू ने कहा कि आसपास औद्योगिक क्षेत्र बनने को लेकर चर्चाएं जरूर चल रही हैं, लेकिन जमीन देने को लेकर फिलहाल स्थिति साफ नहीं है। किसानों को अच्छे रेट मिलेंगे तो जमीन दे देंगे। नुकसान में तो कोई किसान सहमत नहीं होगा। गांव के पास से दो-दो हाईवे निकले हैं।

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