बवासीर का चुटकियों में इलाज Piles को करें जड़ से खत्म, रामबाण उपाय
आज बात करेंगे भारत में पाई जाने वाले बहुत ही आम बीमारी बवासीर दूसरा सेगमेंट है तन की बात क्या स्तनपान करवा रही औरतों को सिर्फ सदा खाना खाना चाहिए और तीसरा सेगमेंट है खुदा जैसे ठंड में मूली और शलजम क्यों खानी चाहिए आपने अक्सर अपने गांव या शहर की कई दीवारों पर एक इश्तिहार पोता हुआ देखा होगा बवासीर की शिकायत है तो फैलाने फैलाने नीम हकीम से मिलिए तुरंत हो जाएगा इलाज वगैरा वगैरा अब हमारी बात सुनिए ऐसा hariyesh ना करें वरना आपका हाल भी देवेंद्र जैसा हो जाएगा अब ये देवेंद्र कौन है और उनके साथ क्या हुआ बताते हैं पहले एक बात समझ लीजिए बवासीर जिसे पाइल्स भी कहते हैं एक बहुत ही आम बीमारी है पर कई लोग श्रम हमारे डॉक्टर्स के पास जाते ही नहीं सही इलाज नहीं लेते हैं नतीजा सेहत के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ पाइल्स की दिक्कत शुरू हुई पहले तो किसी से उन्होंने कुछ नहीं कहा शर्म के मारे फिर कुछ दिन पहले उन्होंने सड़क पर चलते हुए पर्चे दिख गया अब वो वहां चले गए दवाई खानी शुरू कर दी बवासीर तो ठीक नहीं हुआ उल्टा तबियत और ज्यादा खराब हो गई मेल किए हैं जिन्हें बवासीर की शिकायत है वह चाहते हैं की हम डॉक्टर से बात करके इसका सही इलाज जिन्हें बताएं तो सबसे पहले आप एक बात समझ लीजिए बवासीर एक बीमारी है बाकी बीमारियों की तरह इसमें शर्माने वाली कोई बात नहीं है तो

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सबसे पहले ये जान लीजिए की पाइल्स क्या होता है और क्यों होता है पाइल्स में सूजी हुई नसें होती है अगर आपके परिवार के सदस्य जैसे आपके माता पिता को पाइल्स है तो आपको पाइल्स होने की संभावनाएं ज्यादा होती है इनका सबसे आम कारण है मलद्वार में दबाव का पादना यह होता है अगर आप फ्रेश होते समय ज्यादा जोर लगाते हैं आपको कब्जियत है आपको मोटापा है बहुत ज्यादा वजन उठाने का कम करते हैं या गर्भावस्था है गर्भावस्था में भी पाइल्स हो सकते हैं

पाइल्स क्यों होता है आपने अभी ये सुना अब जान लीजिए इसके लक्षण क्या हैं और साथ ही इसका बचाव क्या है और इलाज क्या है अंदरूनी या बाह्य एक्सटर्नल पाइल्स के लक्षण हैं दर्द शौच में खून मलद्वार के आसपास खुजली आना बाहर कुछ निकले हुए होने का एहसास होना सूजन और अगर इनमें खून जम जाए तो अत्यधिक दर्द होना अंदरूनी पाइल्स या इंटरनल पाइल्स में दर्द नहीं होता शौच में खून आना सबसे आम लक्षण है जब आकर में बड़े हो जाते हैं यह तो सोच में जोर लगाने के समय बाहर निकल आता है और फिर अपने आप अंदर भी चले जाते डॉक्टर आपके लक्षणों से अंदाजा लगा सकते हैं की आपको पाइल्स है पर इस अंदाजे की पुष्टि करना जरूरी होता है इसके लिए मलद्वार के द्वारा जांच करते हैं और जरूरी होने पर अटरिया तथा मलद्वार में दूरबीन डालकर देखना आवश्यक होता है आप कभी भी सोच से निकलने वाले खून के लक्षण को हल्के में ना लें यह गंभीर बीमारी जैसे मलद्वार या रेक्टम का कैंसर के लक्षण हो सकते हैं

सबसे पहले पदार्थ को अपने भोजन में बढ़ाएं जैसे सब्जियां फल दलिया इससे आपकी सोच कड़क नहीं होगी और जोर लगाने की जरूरत भी कम पड़ेगी 10 मिनट बैठिए इससे आपको काफी राहत मिलेगी दो से पंच दिन अगर आपके लक्षण कम नहीं होते हैं तो डॉक्टर से जरूर मिलिए वे आपका इलाज दवाई तथा ऑपरेशन से कर सकते हैं सेहत के अगले सेगमेंट की तरफ फैली हुई हैं आज ऐसी गलतफहमी को दूर करते हैं देखिए कहा जाता है की अगर औरत बच्चे को स्तनपान करवा रही है तो उसे सिर्फ सदा खाना खाना चाहिए नहीं तो बच्चे की सेहत को नुकसान पहुंचेगा तो क्या यह सच है जवाब है नहीं देखिए जब तक आपका खाना हजम होता है दूध बनता है तब तक जो अपने खाया है उसमें जो भी पोषण होता है जो भी चीज होती है वह टूट चुकी होती है अब टूटने का मतलब वो है की जो भी आप खाते हैं

आपका पाचन तंत्र यानी की आपका डाइजेस्टिव सिस्टम जो है उसे पहले तोड़ता है छोटे-छोटे हिस्सों में ताकि खाना शरीर में हजम हो सके उदाहरण के तौर पर अगर आप पत्ता गोभी खाते हैं इसका मतलब ये नहीं है की आपके बच्चे को गैस हो जाएगी या फिर आपने कुछ तीखा खा लिया इसका मतलब ये नहीं है की बच्चा जो है आपका दूध पिएगा नहीं पर हा कुछ चीज़ जरूर हैं जिनका असर आपके ब्रेस्ट मिल्क पर पड़ता है जैसे की देरी के प्रोडक्ट दूध दही पनीर वगैरा साथ ही सोया मूंगफली और मछली आप अपनी डायट को बैलेंस रखें हल्दी रखिए सिर्फ बच्चे के लिए नहीं अपने लिए भी पर इसका मतलब ये नहीं है की आप ऐसा कुछ भी नहीं खा सकती जो आपका मन करें समझे अब बारी है ऐसे हटके अगले सेगमेंट की खुराक एक झक्कास सी हेल्थ टिप्स फ्रूट वेजिटेबल्स यानी वो सब्जियां जो जमीन के नीचे उगती हैं जैसे की शलजम और मूली इन्हें आप अपनी विंटर डायट में जरूर शामिल करिए क्योंकि इनको खाने से आपके शरीर में होता है थर्मो जेनेसिस अब थर्मोजेनेसिस क्या होता है देखिए ये प्रक्रिया है जिसमें आपका शरीर हिट प्रोड्यूस करता है खाना पचाना वक्त यानी जो खाना पचने में समय लेता है वो आपके शरीर में गर्मी भी पैदा करता है इसलिए इसे खाने में जरूर लीजिए पर बैलेंस मात्रा में कहने का मतलब है की लंच में आप इसे रोस्ट करके खाएं
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