स्पीकर चुनाव पर बढ़ी रार, TDP अड़ी, मोदी को दे दी सीधी चेतावनी
स्पीकर चुनाव पर बड़ी रार टीडीपी अड़ी मोदी को दे दी सीधी चेतावनी टीडीपी का स्पीकर बनना तय एनडीए नहीं तो इंडिया के समर्थन से जीतते मोदी शाह फेल अब राजनाथ ने संभाली नायडू को मनाने की कमान लोकसभा स्पीकर का पद एनडीए में बगावत का कारण बनता दिखाई दे
रहा है बीजेपी इसे किसी भी कीमत पर अपने पास रखने पर अड़ी है तो दूसरी तरफ टीडीपी ने भी इसे लेकर अपना रुख सख्त कर लिया है चंद्रबाबू नायडू एनडीए के पुराने फॉर फार्मूले पर जोर दे रहे हैं तो
बीजेपी की तरफ से कहा जा रहा है कि अब देश की राजनीति बदल गई है इसीलिए फार्मूला भी बदला जाना चाहिए लोकसभा स्पीकर का पद अब एनडीए में टूट का कारण बनता दिखाई दे रहा है चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी ने स्पीकर पद पर समझौता करने से इंकार कर दिया है उन्होंने साफ कर दिया है कि स्पीकर टीडीपी का ही होगा दरअसल नायडू पहले से ही केंद्रीय मंत्रिमंडल में टीडीपी के मंत्रियों की संख्या कम रखने और उन्हें कम महत्व के मंत्रालय दिए जाने से नाराज हैं नायडू ने केंद्र सरकार में दो कैबिनेट और दो राज्यमंत्री के पद मांगे थे
लेकिन उनकी पार्टी को एक कैबिनेट और एक राज्यमंत्री का पद मिला है जबकि वित्त और शहरी विकास जैसे मंत्रालय भी उन्हें नहीं दिए गए हैं जिसके बाद से नायडू की नाराजगी की खबरें लगातार सामने आ रही थी और अब स्पीकर के चुनाव को लेकर नायडू के सख्त रुख ने पीएम मोदी के साथ पूरी बीजेपी की नींद भी उड़ा दी है नायडू को एनडीए और और इंडिया दोनों ही तरफ से समर्थन मिल रहा है इंडिया गठबंधन की तरफ से तो साफ कर दिया गया है कि अगर टीडीपी अपना उम्मीदवार स्पीकर पद के लिए उतारती है तो इंडिया गठबंधन उसका समर्थन करेगा नहीं तो इंडिया गठबंधन की
तरफ से उम्मीदवार उतारा जा सकता है एनडीए के अंदर भी टीडीपी को समर्थन मिलता दिखाई दे रहा है वैसे जेडीओ ने भी दावा किया है कि स्पीकर पद पर वो बीजेपी उम्मीदवार का समर्थन करने को तैयार है लेकिन टीडीपी ने जिस तरह से अपने रुख को सख किया है उसके बाद जेडीयू भी पलटी मारता दिखाई दे रहा है जेडीयू भी चाहता है कि यह पद एनडीए में बीजेपी के सहयोगी दल के पाले में आए वैसे जो नाराजगी बीजेपी से टीडीपी की है वही जेडीयू की भी है उसे भी सांसदों की संख्या के हिसाब से ना तो मंत्री पद मिले हैं और ना ही भारी भर कम मंत्रालय दिए गए हैं इस बीच नायडू को मनाने की कमान अब राजनाथ सिंह ने संभाल ली है क्योंकि दावा किया जा रहा है कि अमित शाह और जेपी नड्डा दोनों ही नायडू को समझाने में नाका काम रहे हैं
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अब राजनाथ सिंह नेने इसकी कमान संभाल ली है राजनाथ सिंह एनडीए गठबंधन में शामिल दलों के साथ लगातार मीटिंग कर रहे हैं आम सहमति बनाने की कोशिश हो रही है लेकिन टीडीपी के स्पीकर पद पर अड़ने के चलते अब बात नहीं बन पा रही है टीडीपी को डिप्टी स्पीकर का पद भी ऑफर किया गया है लेकिन नड स्पीकर पद से कम पर तैयार नहीं दिखाई दे रहे हैं बीजेपी और टीडीपी के स्पीकर पद को लेकर अनने के चलते अब मोदी सरकार ही संकट में फंसती दिखाई दे रही है दरअसल टीडीपी के पास 16 सांसद हैं और यह भी
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तय माना जा रहा है कि टीडीपी जहां जाएगी वहीं उसकी सहयोगी पार्टी जनसेना भी जाएगी जिसके दो सांसद हैं यानी 18 सांसद एक साथ पाला बदलने की तैयारी में हैं अगर नीतीश कुमार भी नायडू के साथ आ जाते हैं जिसे लेकर कहा जा रहा है कि नीतीश इंडिया के संपर्क में है तो अभी 30 सांसद एनडीए से अलग हो
जाएंगे और मोदी सरकार अल्प मत में आ जाएगी अगर इन सांसदों का समर्थन इंडिया को मिलता है तो टीडीपी का स्पीकर बनने के साथ ही केंद्र में इंडिया गठबंधन की सरकार भी बन जाएगी क्योंकि इंडिया को लोकसभा में 234 सीटें मिली थी बाद में तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन इंडिया को मिल गया ऐसे में इंडिया के लिए बहुमत साबित करना मुश्किल नहीं होगा फिलहाल सभी की नजरें स्पीकर पद के चुनाव पद पर लगी हुई हैं 26 जून को स्पीकर पद का चुनाव होगा और यह तय माना जा रहा है कि अगर टीडीपी के आगे बीजेपी नहीं झुकती है तो एनडीए टूट जाएगा और स्पीकर पद के साथ ही केंद्र की सरकार भी उसके हाथ से निकल जाएगी
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