मां-बाप को उतारा मौत के घाट तो काला खैरमपुरिया ने रखा अपराध की दुनिया में कदम -पहले मां को पिता ने मारा, बदला लेने के लिए मामा ने पिता की हत्या की
हरियाणा व राजस्थान में आंतक का पर्याय बन चुके मोस्ट वांटेड गैंगस्टर आदमपुर के गांव खैरमपुर निवासी करीब 28 वर्षीय राकेश उर्फ काला खैरमपुरिया ने जब अपने माता-पिता को मौत के घाट उतरते देखा तो मन ही मन में बदला लेने की ठानते हुए अपराध की दुनिया में कदम रख दिया। करीब 13 साल पहले गैंगस्टर राकेश उर्फ काला खैरमपुरिया की मां सुलोचना देवी की हत्या उसके पिता सुरेश कुमार ने किसी विवाद को लेकर कर दी थी। अपनी बहन की मौत का बदला लेने के लिए राकेश उर्फ काला के मामा सिरसा के गांव मानक दिवान निवासी वेद प्रकाश आदि ने गैंगस्टर राकेश के पिता सुरेश कुमार की हत्या कर दी। माना जाता है कि उसी दिन गैंगस्टर राकेश उर्फ काला ने अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए ठान ली थी। इसी बीच घरेलू कलह के चलते गैंगस्टर राकेश की मौसी जो उसके चाचा राजेंद्र से शादीशुदा थी जिसने आत्महत्या कर ली थी। परिवार में एक के बाद एक तीन मौत होने के बाद राकेश अंदर से टूट गया था।

आदमपुर में पढ़ाई के दौरान हुई विकास से हुई दोस्ती:
मां-बाप की मौत के बाद गैंगस्टर राकेश बिल्कुल अकेला हो गया था। उसने आदमपुर के एक निजी स्कूल में 10वीं तक की पढ़ाई की। पढ़ाई के दौरान ही उसके मन में बदला लेने की टीस उमड़ती रहती थी। इसी दौरान राकेश की दोस्ती गांव तेलनवाली निवासी विकास उर्फ रोडिया, बालसमंद निवासी साजिद खान व विरेंद्र बिलियास से हुई। जिन पर भी कई अपराधिक मामले दर्ज है। शुरू में तीनों ने मिलकर छोटी-छोटी वारदातों को अंजाम देना शुरू किया। बाद में अनेक बड़ी वारदातों को अंजाम देते हुए काला खैरमपुरिया आंतक का पर्याय बन गया।

आदमपुर थाने में 2014 में काला पर दर्ज हुआ पहला केस:
काला खैरमपुरिया पर आदमपुर थाने में पहला केस 2014 के मई माह में दर्ज हुआ था। जिसमें काला पर मारपीट व आम्र्स एक्ट की धाराएं लगी थी। इसके बाद काला खैरमपुरिया ने दो अन्य साथियों दीवाना व मुरारी के साथ मिलकर पहली बड़ी वारदात को अंजाम 2014 में राजस्थान के गांव झांसल में प्रभु बाल्मिीकि की हत्या कर दिया था। 23 फरवरी 2015 में काला ने अपने साथियों के साथ राजस्थान के भादरा में प्रतिष्ठित व्यापारी की हत्या की थी। तीन मार्च 2015 को आदमपुर थाना के गांव चौधरीवाली में अपने तीन साथियों के साथ मिलकर पेट्राल पंप पर लूट की थी। इसके बाद भी अनेक वारदातों को अंजाम दिया।

2021 मेें रामसरा स्कूल में की थी शिक्षक की हत्या:
एक मार्च 2021 को काला ने अपने साथियों के साथ मिलकर भट्टू थाना के गांव रामसरा में आदमपुर के गांव दड़ौली निवासी जेबीटी जितेंद्र उर्फ पीके मंडेरना की गोलियां मारकर हत्या की थी। वारदात के अगले दिन दो मार्च को राजस्थान के भिरानी थाना के गांव छानी निवासी हरियाणवीं स्टार सिंगर गुलजार छानीवाला के घर फायरिंग कर रंगदारी मांगी थी।
दो साल पहले मामा पर किया जानलेवा हमला:
गैंगस्टर राकेश उर्फ काला अपने पिता की हत्या बाद अपने मामा से रंजिश रख रहा था। इसी रंजिश के चलते 27 जनवरी 2022 को गैंगस्टर राकेश उर्फ काला ने पिता सुरेश कुमार की मौत का बदला लेते हुए सिरसा के नाथूसरी चौपटा थाना के गांव मानक दिवान निवासी अपने मामा मालसिंह बैनीवाल को मारने के लिए गोलियां चलाई, लेकिन गोलियां पेट व पांव में लगने से इसका मामा बच गया था। गैंगस्टर राकेश पहले अपने दादा मनीराम और गांव खैरमपुर की पूर्व सरपंच अपनी दादी नात्थो देवी के साथ रहता था। इसके दादा मनीराम की मृत्यु हो गई। अब इसके परिवार में इसका चाचा राजेंद्र व इसकी दादी नात्थो देवी है।

काला खैरमपुरिया की दादी व दादा रह चुके है गांव के सरपंच :
काला खैरमपुरिया की दादी नात्थो देवी पूर्व में गांव की सरपंच रह चुकी है। वहीं दादी नात्थो देवी का देवर राममूर्ति जो काला खैरमपुरिया का पारिवारिक दादा लगता है वो भी गांव के सरपंच रह चुके है। राममूर्ति अभी गांव के नंबरदार है। पूर्व में इस परिवार की गांव में अच्छी पैठ रह चुकी है।